धड़कनो में दबा हुआ सा गुबार अब तक हैं,
मेरी निगाह को तेरा इंतज़ार अब तक हैं .
गैर की बाहो में भी तुम मुझे भुला नही सकते ,
सदाओं में कशिश को वो धार अब तक हैं
एक रोज़ छुआ था दौरे तनहाई में,
बदन में खुशबु ए यार अब तक हैं
यु ही मिल जाएगी तू किसी रोज़ उसी रोड पर,
नादान दिल को ये एतबार अब तक हैं
जीता हूँ दुनिया के कई इम्तहानों में ,
गोया उस हार से हार अब तक हैं .
मुझसे पहले जो चोट खाये बैठे थे,
उनको जफ़र बुतो से करार अब तक हैं ……।
मेरी निगाह को तेरा इंतज़ार अब तक हैं .
गैर की बाहो में भी तुम मुझे भुला नही सकते ,
सदाओं में कशिश को वो धार अब तक हैं
एक रोज़ छुआ था दौरे तनहाई में,
बदन में खुशबु ए यार अब तक हैं
यु ही मिल जाएगी तू किसी रोज़ उसी रोड पर,
नादान दिल को ये एतबार अब तक हैं
जीता हूँ दुनिया के कई इम्तहानों में ,
गोया उस हार से हार अब तक हैं .
मुझसे पहले जो चोट खाये बैठे थे,
उनको जफ़र बुतो से करार अब तक हैं ……।
मुझसे पहले जो चोट खाये बैठे थे,
ReplyDeleteउनको जफ़र बुतो से करार अब तक हैं ……।
बहुत खूब..........
http://savanxxx.blogspot.in
गैर की बाहो में भी तुम मुझे भुला नही सकते ,
ReplyDeleteसदाओं में कशिश को वो धार अब तक हैं
बहुत सुंदर .
नई पोस्ट : बीत गए दिन
बहुत ही खूबसूरत रचना। बहुत ही बढि़या काम।
ReplyDeleteयु ही मिल जाएगी तू किसी रोज़ उसी रोड पर,
ReplyDeleteनादान दिल को ये एतबार अब तक हैं
इश्क में ऐसे एतबार बहुत जरूरी हैं ... वरना आशिकों की जिंदगी कहाँ चल पाती है ...