करार दिल को किया,खुदको बेकरार करके
बुरा किया,सही तेरा इंतेज़ार करके
मुझे हौसला दे के गया सहारे का,
पलट गया वो दरिया पार करके
तेरी बेचैनियों आजिज़ी से जाहिर हैं
में आखिर जीत गया तुझे हार के
खैरदम मिरे हुए,बड़ी इनायत हैं
मगर क्यो तीर जिगर के मेरे पार करके
सुना हैं शहर में उसने बस्तिया बसा दी हैं,
गया था जो गांव को उजाड़ करके